Site icon Ajinkya Innovations

Bsa धारा ६७ : ऐसी दस्तावेज के निष्पादन का साबित किया जाना जिसका अनुप्रमाणित होना विधि द्वारा अपेक्षित है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ६७ :
ऐसी दस्तावेज के निष्पादन का साबित किया जाना जिसका अनुप्रमाणित होना विधि द्वारा अपेक्षित है :
यदि किसी दस्तावेज का अनुप्रमाणित होना विधि द्वारा अपेक्षित है, तो उसे साक्ष्य के रुप में उपयोग में न लाया जाएगा, जब तक कि कम से कम अनुप्रमाणिक साक्षी, यदि कोई अनुप्रमाणक साक्षी जीवित और न्यायालय की आदेशिका के अध्यधीन हो तथा साक्ष्य देने के योग्य हो, उसका निष्पादन साबित करने के प्रयोजन से न बुलाया गया हो :
परन्तु ऐसी किसी दस्तावेज के निष्पादन को साबित करने के लिए, जो विल नहीं है, और जो भारतीय रजिस्टड्ढीकरण अधिनियम, १९०८ (१९०८ का १६) के उपबंधों के अनुसार रजिस्टड्ढीकृत है, किसी अनुप्रमाणक साक्षी को बुलाना आवश्यक न होगा, जब तक कि उसके निष्पादन का प्रत्याख्यान उस व्यक्ति द्वारा जिसके द्वारा उसका निष्पादित होना तात्पार्यित है, विनिर्दिष्टत: न किया गया हो ।

Exit mobile version