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Bsa धारा १०५ : सबूत का भार किस पर होता है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १०५ :
सबूत का भार किस पर होता है :
किसी वाद या कार्यवाही में सबूत का भार उस व्यक्ति पर होता है जो असफल हो जाएगा, यदि दोनों में से किसी भी ओर से कोई भी साक्ष्य न दिया जाए ।
दृष्टांत :
(a) क) (बी) पर उस भूमि के लिए (ऐ) वाद लाता है जो (बी) के कब्जे में है और जिसके बारे में (ऐ) प्राख्यान करता है कि वह (बी) के पिता सी की विल द्वारा (ऐ) के लिए दी गई थी । यदि किसी भी ओर से कोई साक्ष्य नहीं दिया जाए, तो (बी) इसका हकदार होगा की वह अपना कब्जा रखे रहे । अत: सबूत का भार (ऐ) पर है ।
(b) ख) (बी) पर एक बंधपत्र में शोध्य धन के लिए (ऐ) वाद लाता है । उस बंधपत्र का निष्पादन स्वीकृत है, किन्तु (बी) कहता है कि वह कपट द्वारा अभिप्राप्त किया गया था, जिस बात का (ऐ) प्रत्याख्यान (इन्कार) करता है । यदि दोनों में से किसी भी ओर से कोई साक्ष्य नहीं दिया जाए, तो (ऐ) सफल होगा, क्योंकि बंधपत्र विवादग्रस्त नहीं है और कपट साबित नहीं किया गया । अत: सबूत का भार (बी) पर है ।

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