Bsa धारा ९८ : विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन दस्तावेज के बारे में साक्ष्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ९८ :
विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन दस्तावेज के बारे में साक्ष्य :
जबकि दस्तावेज में प्रयुक्त भाषा स्वयं स्पष्ट हो, किन्तु विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन हो, तो यह दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा , कि वह एक विशिष्ट भाव में प्रयुक्त की गई थी ।
दृष्टांत :
(बी) को (ऐ) मेरा कोलकाता का गृह विलेख द्वारा बेचता है । (ऐ) का कोलकता में कोई गृह नहीं था किन्तु यह प्रतीत होता है कि उसका हावडा में एक गृह था जो विलेख के निष्पादन के समय से (बी) के कब्जे में था । इन तथ्यों को यह दर्शित करने के लिए साबित किया जा सकेगा कि विलेख का संबंध हावडा के गृह से था ।

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