भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १२८ :
विवाहित स्थिति के दौरान में की गई संसूचनाएँ (सूचित करना ) :
कोई भी व्यक्ति, जो विवाहित है या जो विवाहित रह चुका है, किसी संसूचना को, जो किसी व्यक्ति द्वारा, जिससे वह विवाहित है या रह चुका है, विवाहित स्थिति के दौरान में उसे दी गई थी प्रकट करने के लिए विवश न किया जाएगा, और न वह किसी ऐसी संसूचना को प्रकट करने के लिए अनुज्ञात किया जाएगा, जब तक वह व्यक्ति, जिसने वह संसूचना दी है या उसका हित प्रतिनिधि सम्मत न हो, सिवाय उन वादों में, जो विवाहित व्यक्तियों के बीच हो, या उन कार्यवाहियों में, जिनमें एक विवाहित व्यक्ति दूसरे के विरुद्ध किए गए किसी अपराध के लिए अभियोजित है ।