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Bnss धारा ९ : न्यायिक मजिस्ट्रटों के न्यायालय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ९ :
न्यायिक मजिस्ट्रटों के न्यायालय :
१) प्रत्येक जिले में प्रथम वर्ग और द्वितीय वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रटों के इतने न्यायालय, ऐसे स्थानों में स्थापित किए जाएँगे जितने और जो राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे :
परन्तु राज्य सरकार उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् किसी स्थानीय क्षेत्र के लिए,प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रट के एक या अधिक विशेष न्यायालय, किसी विशेष मामले या विशेष वर्ग के मामलों का विचारण करने के लिए स्थापित कर सकती है और जहाँ कोई ऐसा विशेष न्यायालय स्थापित किया जाता है उस स्थानीय क्षेत्र में मजिस्ट्रट के किसी अन्य न्यायालय को किसी ऐसे मामले या ऐसे वर्ग के मामलों का विचारण करने की अधिकारिता नहीं होगी, जिनके विचारण के लिए न्यायिक मजिस्ट्रट का ऐसा विशेष न्यायालय स्थापित किया गया है ।
२) ऐसे न्यायालयों के पीठासीन (जो अध्यक्ष के स्थान पर आसीन हो) अधिकारी उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किए जाएँगे ।
३) उच्च न्यायालय, जब कभी उसे यह उचीत या आवश्यक प्रतीत हो, किसी सिविल न्यायलय में न्यायाधीश के रुप में कार्यरत राज्य की न्यायिक सेवा के किसी सदस्य को प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रट की शक्तियाँ प्रदान कर सकता है ।

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