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Bnss धारा ९४ : दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
अध्याय ७ :
चीजें पेश करने को विवश करने के लिए आदेशिकाएँ :
क – पेश करने के लिए समन :
धारा ९४ :
दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन :
१) जब कभी कोई न्यायालय या पुलिस थाने का कोई भारसाधक अधिकारी यह समझता है कि किसी ऐसे अन्वेषण, जाँच, विचारण, या अन्य कार्यवाही के प्रयोजनों के लिए, जो इस संहिता के अधीन ऐसे न्यायालय या अधिकारी के द्वारा या समक्ष हो रही है, किसी दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक संसूचना जिसमें डिजिटल साक्ष्य होने की संभावना है, संचार उपकरण भी शामिल है या अन्य चीज का पेश किया जाना आवश्यक या वांछनीय है तो जिस व्यक्ती के कब्जे या शक्ति में ऐसी दस्तावेज या चीज के होने का विश्वास है उसके नाम ऐसा न्यायालय एक समन या ऐसा अधिकारी एक लिखित आदेश उससे यह अपेक्षा करते हुए जारी कर सकता है कि उस समन या आदेश में उल्लिखित समय और स्थान पर उसे पेश करे अथवा हाजिर हो और उसे पेश करे ।
२) यदि कोई व्यक्ती, जिससे इस धारा के अधीन दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने की ही अपेक्षा की गई है उसे पेश करने के लिए स्वयं हाजिर होने के बजाए उस दस्तावेज या चीज को पेश करवा दे तो यह समझा जाएगा की उसने उस उपेक्षा का अनुपालन कर दिया है ।
३) इस धारा की कोई बात –
(a) क) भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ की धारा १२९ और १३० बैंककार बही साक्ष्य अधिनियम १८९१ (१८९१ का १३) पर प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी; अथवा
(b) ख) डाक प्राधिकारी की अभिरक्षा में किसी पत्र, पोस्टकार्ड या अन्य दस्तावेज या किसी पार्सल या चीज को लागू होने वाली नहीं समझी जाएगी ।

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