Site icon Ajinkya Innovations

Bnss धारा ४८१ : अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४८१ :
अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत :
१) विचारण की समाप्ति के पूर्व तथा अपील के निस्तारण के पूर्व अपराध का विचारण करने वाला यथास्थिति न्यायालय या अपीलीय न्यायालय अभियुक्त से अपेक्षा करेगा कि जैसे और जब ऐसा न्यायालय क्रमिक न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध दाखिल की गई अपील या याचिका के संबंध में नोटिस जारी करता है तो वह ऐसे उच्चतर न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने के लिए बन्धपत्र या जमानत बन्धपत्र निष्पादित करे और ऐसा बन्धपत्र छह माह तक प्रवृत्त रहेगा ।
२) यदि ऐसा अभियुक्त उपसंजात होने में असफल होता है तब बन्धपत्र का समपहरण हो जाएगा तथा धारा ४९१ के अधीन प्रक्रिया लागू होगी ।

Exit mobile version