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Bnss धारा ४३८ : पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख मंगाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४३८ :
पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख मंगाना :
१) उच्च न्यायाल या कोई सेशन न्यायाधीश अपीन स्थानीय अधिकारिता के अन्दर स्थित किसी अवर (कनिष्ठ )दण्ड न्यायालय के समक्ष की किसी कार्यवाही अभिलेख को, किसी अभिलिखित या पारित किए गए निष्कर्ष, दण्डादेश या आदेश की शुद्धता, वैधता या औचित्य के बारे में और ऐसे अवर (कनिष्ठ ) न्यायालय की किन्हीं कार्यवाहियों की नियमितता के बारे में अपना समाधान करने के प्रयोजन से मंगा सकता है और उसकी परीक्षा कर सकता है और ऐसा अभिलेख मंगाते समय निदेश दे सकता है कि अभिलेख की परीक्षा लंबित रहने तक किसी दण्डादेश का निष्पादन निलंबित किया जाए और यदि अभियुक्त परिरोध में है तो उसे जमानत पर या उसके अपने बंधपत्र पर छोड दिया जाए ।
स्पष्टीकरण :
सभी मजिस्ट्रेट चाहे वे कार्यपालक हों या न्यायिक और चाहे वे आरंभिक अधिकारिता का प्रयोग कर रहें हों, या अपील अधिकारिता का, इस उपधारा के और धारा ४३९ के प्रयोजनों के लिए सेशन न्यायाधीश से अवर (कनिष्ठ) समजे जाएँगे ।
२) उपधारा (१) द्वारा प्रदत्त पुनरिक्षण की शक्तियों का प्रयोग किसी अपील, जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही में पारित किसी अंतर्वर्ती आदेश की बाबत नहीं किया जाएगा ।
३) यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस धारा के अधीन आवेदन या तो उच्च न्यायालय को या सेशन न्यायाधीश को किया गया है तो उसी व्यक्ति द्वारा कोई और आवेदन उनमें से दूसरे के द्वारा ग्रहण नहीं किया जाएगा ।

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