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Bnss धारा ३२८ : टकसाल के अधिकारीयों का साक्ष्य :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३२८ :
टकसाल के अधिकारीयों का साक्ष्य :
१) कोई दस्तावेज, जो किसी टकसाल या नोट छपाई मुद्रणालय के या सिक्योरिटी प्रिटिंग प्रेस के (जिसके अन्तर्गत स्टांप और लेखन सामग्री, नियंत्रक का कार्यालय भी है) या न्याया संबंधी विभाग या न्यायालयिक प्रयोगशाला प्रभाग के किसी राजपत्रित अधिकारी की या प्रश्नगत दस्तावेजों के सरकारी परीक्षक या प्रश्नगत दस्तावेजों के राज्य परिक्षक की जिसे केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, इस संहिता के अधीन किसी कार्यवाही के दौरान परीक्षा और रिपोर्ट के लिए सम्यक् रुप से उसे भेजी गई किसी सामग्री या चीज के बारे में स्वहस्ताक्षरित रिपोर्ट होनी तात्पर्यित है, इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही में साक्ष्य के तौर पर उपयोग में लाई जा सकेगी, यद्यपि ऐसे अधिकारी को साक्षी के तौर पर नहीं बुलाया गया है ।
२) यदि न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसे अधिकारी को समन कर सकता है और उसकी रिपोर्ट की विषयवस्तु के बारे में उसकी परीक्षा कर सकता है :
परन्तु ऐसा कोई अधिकारी किन्हीं ऐसे अभिलेखों को पेश करने के लिए समन नहीं किया जाएगा जिन पर रिपोर्ट आधारित है ।
३) भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ की धाराओं १२९ और १३० के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना यह है कि ऐसा कोई अधिकारी, किसी टकसाल या नोट छपाई मुद्रणालय या सिक्योरिटी प्रिटिंग प्रेस या न्याय संंबंधी विभाग के महाप्रबंधक या किसी अन्य भारसाधक अधिकारी या न्यायालयिक प्रयोगशाला के भारसाधक किसी अधिकारी या प्रश्नगत दस्तावेज संगठन के सरकारी परीक्षक या प्रश्नगत दस्तावेज संगठन के राज्य परीक्षक की अनुज्ञा के बिना –
(a) क) ऐसे अप्रकाशित शासकीय अभिलेखों से, जिन पर रिपोर्ट आधारित है, प्राप्त कोई साक्ष्य देने के लिए अनुज्ञात नहीं किया जाएगा; अथवा
(b) ख) किसी सामग्री या चीज की परीक्षा के दौरान उसके द्वारा किए गए परीक्षण के स्वरुप या विशिष्टियों को प्रकट करने के लिए अनुज्ञात नहीं किया जाएगा ।

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