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Bnss धारा २७९ : परिवादी का हाजिर न होना या उसकी मृत्यु :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २७९ :
परिवादी का हाजिर न होना या उसकी मृत्यु :
१) यदि परिवाद पर समन जारी कर दिया गया हो और अभियुक्त की हाजिरी के लिए नियत दिन, या उसके पश्चात्वर्ती किसी दिन, जिसके लिए सुनवाई स्थगित की जाती है, परिवादी हाजिर नहीं होता है, तो, मजिस्ट्रेट परिवादी को उपस्थित होने के लिए तीस दिन का समय देने के पश्चात् इसमें इसके पूर्व किसी बात के होते हुए भी, अभियुक्त को दोषमुक्त कर देगा जब तक कि वह किन्हीं कारणों से किसी अन्य दिन के लिए मामले की सुनवाई स्थगित करना ठिक न समझे :
परन्तु जहाँ परिवादी का प्रतिनिधित्व वकील द्वारा या अभियोजन का संचालन करने वाले अधिकारी द्वारा किया जाता है या जहाँ मजिस्ट्रेट की यह राय है कि परिवादी की वैयक्तिक हाजिरी आवश्यक नहीं है, वहाँ मजिस्ट्रेट उसकी हाजिरी से उसे अभिमुक्ति दे सकता है और मामलें में कार्यवाही कर सकता है ।
२) उपधारा (१) के उपबंध, जहाँ तक हो सके, उन मामलों को भी लागू होंगे, जहाँ परिवादी के हाजिर न होने का कारण उसकी मृत्यु है ।

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