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Bnss धारा २३१ : सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ देना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २३१ :
सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ देना :
जहाँ पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी मामले में, धारा २२७ के अधीन आदेशिका जारी करने वाले मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत होता है कि अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है, वहाँ मजिस्ट्रेट निम्नलिखित में से प्रत्येक की एक प्रतिलिपि अभियुक्त को तत्काल नि:शुल्क देगा :-
एक) उन सभी व्यक्तियों के, जिनकी मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षा की जा चुकी है, धारा २२३ या धारा २२५ के अधीन लेखबद्ध किए गए कथन;
दो) धारा १८० या धारा १८३ के अधीन लेखबद्ध किए गए कथन, और संस्वीकृतियाँ, यदि कोई हों;
तीन) मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की गई कोई दस्तावेजें, जिन पर निर्भर रहने का अभियोजन का विचार है :
परन्तु यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाता है कि ऐसी कोई दस्तावेज विशालकाय है, तो वह अभियुक्त को उसकी प्रतिलिपि देने के बजाय यह निदेश देगा कि उसे स्वयं या वकिल द्वारा न्यायालय में उसका निरीक्षण ही करने दिया जाएगा :
परन्तु यह भी कि इलैक्ट्रानिक प्ररुप में उन दस्तावेजों को प्रदाय करने के लिए विचार किया जाएगा जो सम्यक रुप से प्रस्तूत किए गए है ।

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