Site icon Ajinkya Innovations

Bnss धारा २११ : अभियुक्त के आवेदन पर अंतरण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २११ :
अभियुक्त के आवेदन पर अंतरण :
जब मजिस्ट्रेट किसी अपराध का संज्ञान धारा २१० की उपधारा (१) के खण्ड (ग) के अधीन करता है तब अभियुक्त को, कोई साक्ष्य लेने से पहले, इत्तिला दी जाएगी कि वह मामले की किसी अन्य मजिस्ट्रेट से जाँच या विचारण कराने का हकदार है और यदि अभियुक्त, या यदि एक से अधिक अभियुक्त है तो उनमें से कोई, संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट के समक्ष आगे कार्यवाही किए जाने पर आपत्ति करता है तो मामला उस अन्य मजिस्ट्रेट को अन्तरित कर दिया जाएगा जो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाएगा ।

Exit mobile version