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Bnss धारा १९६ : मृत्यु के कारण की मजिस्ट्रेट द्वारा जाँच :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १९६ :
मृत्यु के कारण की मजिस्ट्रेट द्वारा जाँच :
१) जब मामला धारा १९४ की उपधारा (३) के खण्ड (एक) या खण्ड (दो) में निर्दिष्ट प्रकृति का है तब मृत्यु के कारण की जांच, पुलिस अधिकारी द्वारा किए जाने वाले अन्वेषण के बजाय या उसके अतिरिक्त, वह निकटतम मजिस्ट्रेट करेगा जो मृत्यु-समीक्षा करने के लिए सशक्त है और धारा १९४ की उपधारा (१) में वर्णित किसी अन्य दशा में इस प्रकार सशक्त किया गया कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकेगा, और यदि वह ऐसा करता है तो उसे ऐसी जाँच करने में वे सब शक्तियाँ होंगी जो उसे किसी अपराध की जाँच करने में होती ।
२) जहाँ –
(a) क) कोई व्यक्ति मर जाता है या गायब हो जाता है;या
(b) ख) किसी स्त्री के साथ बलात्संग किया गया अभिकथित है,
तो उस दशा में जब कि ऐसा व्यक्ती या स्त्री पुलिस अभिरक्षा या इस संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट या न्यायालय द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अभिरक्षा में है, वहाँ पुलिस द्वारा की गई जाँच या किए गए अन्वेषण के अतिरिक्त, ऐसे मजिस्ट्रेट जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर अपराध किया गया है, जाँच की जाएगी ।
३) ऐसी जाँच करने वाला मजिस्ट्रेट उसके संबंध में लिए गए साक्ष्य को इसमें इसके पश्चात् विहित किसी प्रकार से, मामले की परिस्थितियों के अनुसार अभिलिखित करेगा ।
४) जब कभी ऐसे मजिस्ट्रेट के विचार में यह समीचीन (उचित / उपयुक्त) है कि किसी व्यक्ति के, जो पहले ही गाड दिया गया है, मृत शरीर की इसलिए परिक्षा की जाए कि उसकी मृत्यु के कारण का पता चले तब मजिस्ट्रेट उस शरीर को निकलवा सकता है और उसकी परीक्षा करा सकता है ।
५) जहाँ कोई जाँच इस धारा के अधीन की जानी है, वहाँ मजिस्ट्रेट, जहाँ कही साध्य है, मृतक के उन नातेदारों को, जिनके नाम और पते ज्ञात है, इत्तिला देगा और उन्हें जाँच के समय उपस्थित रहने की अनुज्ञा देगा ।
६) उपधारा (२) अधीन, जाँच या अन्वेषण करने वाला मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी, किसी व्यक्ति की मृत्यु के चौबीस घण्टे के भीतर उसकी परिक्षा किए जाने की दृष्टि से शरीर को निकटतम सिविल सर्जन या अन्य अर्हित चिकित्सक को, जो इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया गया हो, भेजेगा जब तक कि लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से ऐसा करना संभव न हो ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में नातेदार पद से माता-पिता, संतान, भाई , बहन और पति या पत्नी अभिप्रेत है ।

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