भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १९५ :
व्यक्तियों को समन करने की शक्ति :
१) धारा १९४ के अधीन कार्यवाही करने वाला पुलिस अधिकारी यथापूर्वोक्त दो या अधिक व्यक्तियों को उक्त अन्वेषण के प्रयोजन से और किसी अन्य ऐसे व्यक्ती को, जो मामले के तथ्यों से परिचित प्रतीत होता है, लिखित आदेश द्वारा समन कर सकता है तथा ऐसे समन किया गया प्रत्येक व्यक्ती हाजिर होने के लिए और उन प्रश्नों के सिवाय, जिनके उत्तरों की प्रवृत्ति उसे आपराधिक आरोप या शास्ति या समपहरण की आशंका में डालने की है, सब प्रश्नों का सही-सही उत्तर देने के लिए आबद्ध होगा :
परन्तु किसी पुरुष से जो पन्द्रह वर्ष से कम आयु का या पैसठ वर्ष से अधिक आयु का है या किसी स्त्री वे या किसी मानसिक या शारीरीक रुप से नि:शक्त व्यक्ति या गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति से ऐसे स्थान से जिसमें ऐसा पुरुष या स्त्री निवास करती है, किसी स्थान पर हाजिर हाने की अपेक्षा नहीं की जाएगी :
परन्तु यह और कि यदि ऐसा व्यक्ति ऐसे पुलिस थाने पर हाजिर होने और उत्तर देने के लिए सहमत हो तो ऐसे व्यक्ति को ऐसा करने के लिए अनुज्ञात किया जा सकेगा ।
२) यदि तथ्यों से ऐसा कोई संज्ञेय अपराध, जिसे धारा १७० लागू है, प्रकट नहीं होता है तो पुलिस अधिकारी ऐसे व्यक्ति से मजिस्ट्रेट के न्यायालय में हाजिर होने की अपेक्षा न करेगा ।
