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Bnss धारा १९० : जब साक्ष्य पर्याप्त है तब मामलों का मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १९० :
जब साक्ष्य पर्याप्त है तब मामलों का मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाना :
१) यदि इस अध्याय के अधीन अन्वेषण करने पर पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि यथापूर्वोक्त पर्याप्त साक्ष्य या उचित आधार है, तो वह अधिकारी पुलिस रिपोर्ट पर उस अपराध को संज्ञान करने के लिए और अभियुक्त का विचारण करने या उसे विचारणार्थ सुपुर्द करने के लिए सशक्त मजिस्ट्रेट के पास अभियुक्त को अभिरक्षा में भेजेगा अथवा यदि अपराध जमानतीय है और अभियुक्त प्रतिभूति देने के लिए समर्थ है तो ऐसे मजिस्ट्रेट के समक्ष नियत दिन उसके हाजिर होने के लिए और ऐसे मजिस्ट्रेट के समक्ष, जब तक अन्यथा निदेश न दिया जाए तब तक, दिन प्रतिदिन उसकी हाजिरी के लिए प्रतिभूति लेगा :
परन्तु यदि अभियुक्त अभिरक्षा में नहीं है, पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थिति के लिए ऐसे व्यक्ति से प्रतिभूति ले सकेगा और ऐसा मजिस्ट्रेट जिसको ऐसी रिपोर्ट भेजी गई है, इस आधार पर कि अभियुक्त को अभिरक्षा में नहीं भेजा गया है, उसे स्वीकृत करने से इन्कार नहीं करेगा ।
२) जब पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी अभियुक्त को इस धारा के अधीन मजिस्ट्रेट के पास भेजता है या ऐसे मजिस्ट्रेट के समक्ष उसके हाजिर होने के लिए प्रतिभूति लेता है तब उस मजिस्ट्रेट के पास वह ऐसा कोई आयुध या अन्य वस्तु जो उसके समक्ष पेश करना आवश्यक हो, भेजेगा और यदि कोई परिवादी हो, तो उससे और ऐसे अधिकारी को मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से परिचित प्रतीत होने वाले उतने व्यक्तियों से, जितने वह आवश्यक समझे मजिस्ट्रेट के समक्ष निर्दिष्ट प्रकार से हाजिर होने के लिए और (यथास्थिति) अभियोजन करने के लिए या अभियुक्त के विरुद्ध आरोप के विषय में साक्ष्य देन के लिए बंधपत्र निष्पादित करने की अपेक्षा करेगा ।
३) यदि बंधपत्र में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय उल्लेखित है तो उस न्यायालय के अन्तर्गत कोई ऐसा न्यायालय भी समझा जाएगा जिसे ऐसा मजिस्ट्रेट मामले की जाँच या विचारण के लिए निर्देशित करता है, परन्तु यह तब जब ऐसे निर्देश की उचित सूचना उस परिवादी या उन व्यक्तियों को दे दी गई है ।
४) वह अधिकारी, जिसकी उपस्थिति में बंधपत्र निष्पादित किया जाता है, उस बंधपत्र की एक प्रतिलिपि उन व्यक्तियों में से एक को परिदत्त करेगा जो उसे निष्पादित करता है और तब मूल बंधपत्र को अपनी रिपोर्ट के साथ मजिस्ट्रेट के पास भेजेगा ।

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