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Bnss धारा १७६ : अन्वेषण के लिए प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १७६ :
अन्वेषण के लिए प्रक्रिया :
१) यदि पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को, इत्तिला प्राप्त होने पर अन्यथा यह संदेह करने का कारण है कि ऐसा अपराध किया गया है जिसका अन्वेषण करने के लिए धारा १७५ के अधीन वह सशक्त है तो वह उस अपराध की रिपोर्ट उस मजिस्ट्रेट को तत्काल भेजेगा जो ऐसे अपराध का पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान करने के लिए सशक्त है और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों का अन्वेषण करने के लिए, और यदि आवश्यक हो तो अपराधी का पता चलाने और उसकी गिरफ्तारी के उपाय करने के लिए, उस स्थान पर या तो स्वयं जाएगा या अपने अधीनस्थ अधिकारियों में से एक को भेजेगा जो ऐसी पंक्ति से निम्नतर पंक्ति का न होगा जिसे राज्य सरकार साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्त विहित करे :
परन्तु –
(a) क) जब ऐसे अपराध के किए जाने की कोई इत्तिला किसी व्यक्ति के विरुद्ध उसका नाम देकर की गई है और मामला गंभीर प्रकार का नहीं है तब यह आवश्यक न होगा कि पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी उस स्थान पर अन्वेषण करने के लिए स्वयं जाए या अधीनस्थ अधिकारी को भेजे ;
(b) ख) यदि पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि अन्वेषण करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है तो वह उस मामले का अन्वेषण न करेगा ।
परन्तु यह और कि बलात्संग के अपराध के संबंध में, पीडित के कथन का अभिलेखन, पीडित के निवास पर या उसकी पसंद के स्थान में तथा जहाँ तक व्यवहार्य हो, उसके माता-पिता या संरक्षक या निकट नातेदारों या मोहल्ले के समाजिक कार्यकर्ता की उपस्थिति में किसी महिला पुलिस अधिकारी द्वारा आयोजित किया जाएगा और ऐसा कथन किसी श्रृव्य-दृश्य इलैक्ट्रानिक साधनों, जिसके अंतर्गत मोबाइल फोन भी है, के माध्यम से भी अभिलिखित किया जा सकेगा।
२) उपधारा (१) के परन्तुक के खण्ड (क) (a)और (ख) (b)में वर्णित दशाओं में से प्रत्येक दशा में पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी अपनी रिपोर्ट में उस उपधारा की अपेक्षा ओं का पूर्णतया अनुपालन न करने के अपने कारणों का कथन करेगा और उपधारा (१) के पहले परन्तुक के खण्ड (ख) में वर्णित दशा में मजिस्ट्रेट को पाक्षिक दैनिक डायरी रिपोर्ट भेजेगा, ऐसा अधिकारी इत्तिला देने वाले को, यदि कोई हो, ऐसी रीति से, जो राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों द्वारा विहित की जाए, तत्काल इस बात को भी अधिसूचित करेगा ।
३) किसी ऐसे अपराध के जो सात वर्ष या अधिक के लिए दंडनीय बनाया गया है, के होने से संबंधित प्रत्येक इत्तिला की प्राप्ति पर पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी ऐसी तारीख से जो इस संबंध में तत्काल पांच वर्षो की अवधि के भीतर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित की जाए, अपराध में कारणों का पता लगाने के लिए न्याय संबंधी दल को न्याय संबंधी साक्ष्य संग्रहण करने के लिए अपराध स्थल पर भेज सकेगा :
परन्तु जहां ऐसी किसी अपराध के संबंध में न्याय संबंधी सुविधा उपलब्ध नहीं है वह राज्य सरकार जब तक उस मामले के संबंध में सुविधा नियोजित नहीं हो जाती या राज्य द्वारा नहीं की जाती, अन्य राज्य सरकार से ऐसी सुविध के उपयोग को अधिसूचित कर सकेगी ।

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