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Bnss धारा १४६ : भत्ते में परिवर्तन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १४६ :
भत्ते में परिवर्तन :
१) धारा १४४ के अधीन भरणपोषण या अंतरिम भरणपोषण के लिए मासिक भत्ता पाने वाले या यथास्थिति, अपनी पत्नी, संतान, पिता या माता को भरणपोषण या अंतरिम भरणपोषण के लिए मासिक भत्ता देने के लिए उसी धारा के अधीन आदिष्ट किसी व्यक्ति की परिस्थितियों में तब्दीली साबित हो जाने पर, मजिस्ट्रेट यथास्थिति, भरणपोषण या अंतरिम भरणपोषण के लिए भत्ते में ऐसा परिवर्तन कर सकता है, जो ठीक समझे ।
२) जहाँ मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत होता है कि धारा १४४ के अधीन दिया गया कोई आदेश किसी सक्षम सिविल न्यायालय के किसी विनिश्चय के परिणामस्वरुप रद्द या परिवर्तित किया जाना चाहिए वहाँ वह, यथास्थिति, उस आदेश को तद्नुसार रद्द कर देगा या परिवर्तित कर देगा ।
३) जहाँ धारा १४४ के अधीन कोई आदेश ऐसी स्त्री पक्ष में दिया गया है जिसके पति ने उससे विवाह विच्छेद कर लिया है या जिसने अपने पति से विवाह-विच्छेद प्राप्त कर लिया है वहाँ यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हा जाता है कि :-
(a) क) उस स्त्री ने ऐसे विवाह-विच्छेद की तारीख के पश्चात् पुन:विवाह कर लिया है, तो वह ऐसे आदेश को उसके पुनर्विवाह की तारीख से रद्द कर देगा;
(b) ख) उस स्त्री के पति ने उससे विवहा-विच्छेद कर लिया है और उस स्त्री ने उक्त आदेश के पूर्व या पश्चात् वह पूरी धनराशि प्राप्त कर ली है जो पक्षकारों को लागू किसी रुढिजन्य या स्वीय विधि के अधीन ऐसे विवाह-विच्छेद पर देय थी तो वह ऐसे आदेश को :-
एक) उस दशा में जिसमें ऐसी धनराशि ऐसे आदेश से पूर्व दे दी गई थी उस आदेश के दिए जाने की तारीख से रद्द कर देगा;
दो) किसी अन्य दशा में उस अवधि की, यदि कोई हो, जिसके लिए पति द्वारा उस स्त्री को वास्तव में भरणपोषण दिया गया है, समाप्ति की तारीख से रद्ध कर देगा;
(c) ग) उस स्त्री ने अपने पति से विवाह-विच्छेद प्राप्त कर लिया है और उसने अपने विवाह-विच्छेद के पश्चात् अपने यथास्थिति भरणपोषण या अंतरिम भरणपोषण के अधिकारों को स्वेच्छा से अभ्यर्पण कर दिया था, तो वह आदेश को उसकी तारीख से रद्द कर देगा ।
४) किसी भरणपोषण या दहेज की, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जिसे धारा १४४ के अधीन भरणपोषण और अन्तरिम भरणपोषण या उनमें से किसी के लिए कोई मासिक भत्ता संदाय किए जाने का आदेश दिया गया है, वसूली के लिए डिक्री करने के समय सिविल न्यायालय उस राशि की भी गणना करेगा जो ऐसे आदेश को अनुसरण में यथास्थिति भरण पोषण या अंतरिम भरणपोषण या इनमें से किसी के लिए मासिक भत्ते के रुप में उस व्यक्ति को संदाय की जा चुकी है या उस व्यक्ती द्वारा वसूल की जा चुकी है ।

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