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Bnss धारा १२६ : अन्य दशाओं में परिशांति कायम रखने के लिए प्रतिभूति (जमानत) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १२६ :
अन्य दशाओं में परिशांति कायम रखने के लिए प्रतिभूति (जमानत) :
१) जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलती है कि संभाव्य है कि कोई व्यक्ति परिशांति भंग करेगा या लोक प्रशांति विक्षुब्ध करेगा या कोई ऐसा सदोष कार्य करेगा जिससे संभाव्यत: परिशांति भंग हो जाएगी तब यदि उसकी राय में कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार है तो वह, ऐसे व्यक्ति से इसमें इसके पश्चात् उपबंधित रीति से अपेक्षा कर सकता है कि वह कारण दर्शित करे कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी मजिस्ट्रेट नियत करना ठिक समझे, परिशांति कायम रखने के लिए उसे बंधपत्र या जमानतपत्र निष्पादित करने के लिए आदेश क्यों न दिया जाए ।
२) इस धारा के अधीन कार्यवाही किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष तब की जा सकती है जब या तो वह स्थान जहाँ परिशांति भंग या विक्षोभ की आशंका है, उसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर है या ऐसी अधिकारिता के अन्दर कोई ऐसा व्यक्ति है, जो ऐसी अधिकारिता के परे संभाव्यत: परिशांति भंग करेगा या लोक प्रशांति विक्षुब्ध करेगा या यथापूर्वोक्त कोई सदोष कार्य करेगा ।

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