भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १२१ :
समपहरण के बदले जुर्माना :
१) जहाँ न्यायालय यह घोषणा करता है कि कोई संपत्ति धारा १२० के अधीन केन्द्रीय सरकार को समपऱ्हत हो गई है और यह ऐसा मामला है जहाँ ऐसी संपत्ति के केवल कुछ भाग का स्त्रोत न्यायालय को समाधानप्रद रुप में साबित नहीं किया गया है वहा वह प्रभावित व्यक्ति को, समपहरण के बदले में ऐसे भाग के बाजार मूल्य के बराबर जुर्माने का संदाय करने का विकल्प देते हुए, आदेश देगा ।
२) उपधारा (१) के अधीन जुर्माना अधिरोपित (लागू करना / थोपना) करने का आदेश देने के पूर्व, प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का युक्तियुक्त (उचित) अवसर दिया जाएगा ।
३) जहाँ प्रभावित व्यक्ति, उपधार (१) के अधीन देय जुर्माने का ऐसे समय के भीतर, जो उस निमित्त अनुज्ञात किया जाए, संदाय कर देता है वहाँ न्यायालय आदेश द्वारा, धारा १२० के अधीन की गई समपहरण की घोषणा का प्रतिसंहरण (निरस्त करना )कर सकेगा और तब ऐसी संपत्ति निर्मुक्त हो जाएगी ।
