भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ५०३ :
संपत्ति के अभिग्रहण पर पुलिस द्वारा प्रक्रिया :
१) जब कभी किसी पुलिस अधिकारी द्वारा किसी संपत्ति के अभिग्रहण की रिपोर्ट इस संहिता के उपबंधो के अधीन मजिस्ट्रेट को की जाती है और जाँच या विचारण के दौरान ऐसी संपत्ति दण्ड न्यायालय के समक्ष पेश नहीं कि जाती है तो मजिस्ट्रेट ऐसी संपत्ति के व्ययन के, या उस पर कब्जा करने के हकदार व्यक्ति को ऐसी संपत्ति का परिदान किए जाने के बारे में या यदि ऐसा व्यक्ति अभिनिश्चित नहीं किया जा सकता है तो ऐसी संपत्ति की अभिरक्षा और पेश किए जाने के बारे में ऐसा आदेश कर सकता है जो वह ठीक समझे ।
२) यदि ऐसा हकदार व्यक्ति ज्ञात है, तो मजिस्ट्रेट वह संपत्ति उसे उन शर्तों पर (यदि कोई हो), जो मजिस्ट्रेट ठीक समझे, परिदत्त किए जाने का आदेश दे सकता है और यदि ऐसा व्यक्ति अज्ञात है तो मजिस्ट्रेट उस संपत्ति की अंगभूत वस्तुओं का विनिर्देश हो, और जिसमें किसी व्यक्ति से, जिसका उसके ऊपर दावा है, यह अपेक्षा की गई हो कि वह उसके समक्ष हाजिर हो और ऐसी उद्घोषणा की तारिख से छह मास के अन्दर अपने दावे को सिद्ध करे ।