भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४१८ :
राज्य सरकार द्वारा दण्डादेश के विरुद्ध अपील :
१) उपधारा (२) में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्धी के किसी मामले में लोक अभियोजक को दण्डादेश की अपर्याप्तता के आधार पर उसके विरुद्ध –
(a) क) सेशन न्यायालय में, यदि दण्डादेश किसी मजिस्ट्रेट किसी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किया जाता है; और
(b) ख) उच्च न्यायालय में , यदि दण्डादेश किसी अन्य न्यायालय द्वारा पारित किया जाता है,
अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकती है ।
२) यदि ऐसी दोषसिद्धि किसी मामले में है जिसमें अपराध का अन्वेषण इस संहिता से भिन्न किसी केन्द्रीय अधिनियक मे अधीन अपराध का अन्वेषन करने के लिए सशक्त किसी अन्य अभिकरण द्वारा किया गया है तो केन्द्रीय सरकार भी लोक अभियोजक को दण्डादेश की अपर्याप्तता के आधार पर उसके विरुद्ध –
(a) क) सेशन न्यायालय में, यदि दण्डादेश किसी मजिस्ट्रेट किसी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किया जाता है; और
(b) ख) उच्च न्यायालय में , यदि दण्डादेश किसी अन्य न्यायालय द्वारा पारित किया जाता है,
अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकती है ।
३) जब दण्डादेश के विरुद्ध अपर्याप्तता के आधार पर अपील की गई है तब ३.(यथास्थिति, सेशन न्यायालय या उच्च न्यायालय) उस दण्डादेश में वृद्धि तब तक नहीं करेगा जब तक कि अभियुक्त को ऐसी वृद्धि के विरुद्ध कारण दर्शित करने का युक्तियुक्त अवसर नहीं दिय गया है और कारण दर्शित करते समय अभियुक्त अपनी दोषमुक्ति के लिए या दण्डादेश में कमी करने के लिए अभिवचन कर सकता है ।
४) जब अपील भारतीय न्याय संहिता २०२३ के धारा ६४, धारा ६५, धारा ६६, धारा ६७, धारा ६८, धारा ७० या धारा ७१ के अधीन पारीत दण्डादेश के विरद्ध की गई है, तब वह अपील, एसे अपील दाखिल करने तारीख से छह महिने के भीतर निपाटाई जाएगी ।