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Bnss धारा ४०९ : दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४०९ :
दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति :
उच्च न्यायालय धारा ४०७ के अधीन प्रस्तुत किसी मामलें में –
(a) क) दण्डादेश की पुष्टि कर सकता है या विधि द्वारा समर्थित कोई अन्य दण्डादेश दे सकता है; अथवा
(b) ख) दोषसिद्धी का बातिल कर सकता है और अभियुक्त को किसी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध कर सकता है जिसके लिए सेशन न्यायालय उसे दोषसिद्ध कर सकता था, या उसी या संशोधित आरोप पर नए विचारण का आदेश दे सकता है; अथवा
(c) ग) अभियुक्त् व्यक्ति को दोषमुक्त कर सकता है :
परन्तु पुष्टि कोई आदेश इस धारा के अधीन तब तक नहीं किया जाएगा जब तक अपील करने के लिए अनुज्ञात अवधि समाप्त न हो गई हो या यदि ऐसी अवधि के अन्दर अपील पेश कर दी गई है तो जब तक उस अपील का निपटारा न हो गया हो ।

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