भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३८२ :
जहाँ मजिस्ट्रेट संज्ञान करे वहाँ प्रक्रिया :
१) वह मजिस्ट्रेट, जिससे कोई परिवाद धारा ३७९ या धारा ३८० के अधीन किया जाता है, अध्याय १६ में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ तक हो सके मामले में इस प्रकार कार्यवाही करने के लिए अग्रसर होगा, मानो वह पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित है ।
२) जहाँ ऐसे मजिस्ट्रेट के या किसी अन्य मजिस्ट्रेट के, जिसे मामला अंतरित किया गया है, ध्यान में यह बात लाई जाती है कि उस न्यायिक कार्यवाही में, जिससे वह मामला उत्पन्न हुआ है, किए गए विनिश्चय के विरुद्ध अपील लंबित है वहाँ वह, यदि ठीक समझता है तो, मामले की सुनवाई को किसी भी प्रक्रम पर तब तक के लिए स्थगित कर सकता है जब तक ऐसी अपील विनिश्चित न हो जाए ।