भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३३३ :
प्राधिकारी जिनके समक्ष शपथपत्रों पर शपथ ग्रहण किया जा सकेगा :
१) इस संहिता के अधीन किसी न्यायालय के समक्ष उपयोग में लाए जाने वाले शपथपत्रों पर शपथ ग्रहण या प्रतिज्ञान निम्नलिखित के समक्ष किया जा सकता है –
(a) क) कोई न्यायाधीश या कोई न्यायिक या कार्यपालक मजिस्ट्रेट; अथवा
(b) ख) उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय द्वार नियुक्त कोई शपथ कमिश्नर; अथवा
(c) ग) नोटरी अधिनियम, १९५२ (१९५२ का ५३) के अधीन नियुक्त कोई नोटरी ।
२) शपथ-पत्र ऐसे तथ्यों तक, जिन्हें अभिसाक्षी स्वयं अपनी जानकारी से साबित करने के लिए समर्थ है और ऐसे तथ्यों तक जिनके सत्य होने का विश्वास करने के लिए उसके पास उचित आधार है, सीमित होंगे और उसमें उनका कथन अलग-अलग होगा तथा विश्वास के आधारों की दशा में अभिसाक्षी ऐसे विश्वास के आधारों को स्पष्ट कथन करेगा ।
३) न्यायालय शपथ-पत्र में किसी कलंकात्मक और विसंगत बात के काटे जाने या संशोधित किए जाने का आदेश दे सकेगा ।