Bnss धारा ३२७ : मजिस्ट्रेट की शिनाख्त रिपोर्ट :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३२७ :
मजिस्ट्रेट की शिनाख्त रिपोर्ट :
१) कोई दस्तोवज, जिसका किसी व्यक्ति या सम्पत्ति के संबंध में किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट की स्वहस्ताक्षरित शिनाख्त रिपोर्ट होना तात्पर्यित है, इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही में साक्ष्य के रुप में उपयोग में लाया जा सकेगा, यद्यपि ऐसे मजिस्ट्रेट को साक्षी के तौर पर नहीं बुलाया गया है :
परन्तु जहाँ ऐसी रिपोर्ट में ऐसे, किसी संदिग्ध व्यक्ति या साक्षी का विवरण है, जिसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ की धारा १९, २६, २७, १५८ या धारा १६० के उपबन्ध, लागू होते है, वहाँ, ऐसा विवरण इस उपधारा के अधीन, उन धाराओं के उपबन्धों के अनुसार के सिवाय, उपयोग नहीं लाया जाएगा ।
२) न्यायालय, यदि वह ठिक समझता है और अभियोजन या अभियुक्त के आवेदन पर ऐसे मजिस्ट्रेट को समन कर सकेगा और उक्त रिपोर्ट की विषयवस्तु के बारे में उसकी परीक्षा कर सकेगा और करेगा ।

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