Bnss धारा २४० : जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों को पुन:बुलाया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २४० :
जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों को पुन:बुलाया जाना :
जब कभी विचारण प्रारंभ होने के पश्चात् न्यायालय द्वारा आरोप परिवर्तित या परिवर्धित किया जाता है तब अभियोजक और अभियुक्त को –
(a) क) किसी ऐसे साक्षी को, जिसकी परीक्षा की जा चुकी है, पुन: बुलाने की या पुन: समन करने की और उसकी ऐसे परिवर्तन या परिवर्धन के बारें में परीक्षा करने की अनुज्ञा दी जाएगी जब तक न्यायालय का ऐसे कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएँगे, यह विचार नहीं है कि, यथास्थिति, अभियोजक या अभियुक्त तंग करने के या विलम्ब करने के या न्याय के उद्देश्यों को विफल करने के प्रयोजन से ऐसे साक्षी को पुन:बुलाना या उसकी पुन:परिक्षा करना चाहता है ।
(b) ख) किसी अन्य ऐसे साक्षी को भी, जिसे न्यायालय आवश्यक समझे, बुलाने की अनुज्ञा दी जाएगी ।

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