भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १५१ :
धारा १४८, १४९ और धारा १५० के अधीन किए गए कार्यों के लिए अभियोजन (कार्यवाही) से संरक्षण :
१) किसी कार्य के लिए, जो धारा १४८, १४९ और धारा १५० के अधीन किया गया तात्पर्यित है, किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई अभियोजन किसी दण्ड न्यायालय में :-
(a) क) जहाँ ऐसा व्यक्ति सशस्त्र बल का कोई अधिकारी या सदस्य है, वहाँ केन्द्रीय सरकार की मंजूरी के बिना संस्थित नहीं किया जाएागा;
(b) ख) किसी अन्य मामले में राज्य सरकार की मंजूरी के बिना संस्थित नहीं किया जाएगा ।
२) (a) क)उक्त धाराओं में से किसी के अधीन सद्भावपूर्वक कार्य करने वाले किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी के बारे में;
(b) ख) धारा १४८ या धारा १४९ के अधीन अपेक्षा के अनुपालन में सद्भावपूर्वक कार्य करने वाले किसी व्यक्ति के बारे में;
(c) ग) धारा १५१ के अधीन सद्भावपूर्वक कार्य करने वाले सशस्त्र बल के किसी अधिकारी के बारे में;
(d) घ) सशस्त्र बल का कोई सदस्य जिस आदेश का पालन करने के लिए आबद्ध हो उसके पालन में किए गए किसी कार्य के लिए उस सदस्य के बारे में,
यह न समझा जाएगा कि उसने उसके द्वारा कोई अपराध किया है :
परन्तु धारा १७४ की उपधारा (१) के अधीन कोई वाद सशस्त्र बल के किसी अधिकारी या सदस्य के विरुद्ध किसी के आदेश का पालन करने में, उसके द्वारा किए गए किसी ऐसे कार्य के लिए जिसे वह अपने शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में पालन के लिए आबद्ध था, मामले में प्रारंभिक जांच किए बिना, रजिस्ट्रीकृत नहीं किया जाएगा :
परन्तु और यह कि कोई संघ के सशस्त्र बल का अधिकारी या सदस्य या राज्य का पुलिस अधिकारी किसी आदेश के पालन में उसके द्वारा की गई या करने के लिए तात्पर्यित किसी बात के लिए, जिसे व ह अपने शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन पालन में करने के लिए आबद्ध था, यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार की सहमति प्राप्त करने के पश्चात् के सिवाय, गिरफ्तार नहीं किया जाएगा ।
३) इस धारा में और इस अध्याय की पूर्ववर्ती धाराओं में:-
(a) क) सशस्त्र बल पद से भूमि बल के रुप में क्रियाशील सेना, नौसेना और वायुसेना अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत इस प्रकार क्रियाशील संघ के अन्य सशस्त्र बल भी है;
(b) ख) सशस्त्र बल के संबंध में अधिकारी से सशस्त्र बल के ऑफिसर के रुप में आयुक्त, राजपत्रित या वेतनभोगी व्यक्ति अभिप्रेत है और उसके अन्तर्गत कनिष्ठ आयुक्त ऑफिसर, वारण्ट ऑफिसर, पेटी ऑफिसर, अनायुक्त् ऑफिसर तथा अराजपत्रित ऑफिसर भी है;
(c) ग) सशस्त्र बल के संबंध में सदस्य से सशस्त्र बल के अधिकारी से भिन्न उसका कोई सदस्य अभिप्रेत है ।