Bnss धारा १०६ : कुछ संपत्ति को अभिगृहित (जब्त) करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १०६ :
कुछ संपत्ति को अभिगृहित (जब्त) करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति :
१) कोई पुलिस अधिकारी किसी ऐसी संपत्ति को, अभिगृहित कर सकता है जिसके बारें में यह अभिकथन या संदेह है कि वह चुराई हुई है अथवा जो ऐसी परिस्थितियों में पाई जाती है, जिनसे किसी अपराध के लिए जाने का संदेह हो ।
२) यदि ऐसा पुलिस अधिकारी पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के अधीनस्थ है तो वह उस अधिग्रहण की रिपोर्ट उस अधिकारी को तत्काल देगा ।
३) उपधारा (१) के अधीन कार्य करने वाला प्रत्येक पुलिस अधिकारी अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट का अभिग्रहण की रिपोर्ट तुरन्त करेगा और जहाँ अभिगृहित संपत्ति ऐसी है कि वह सुगमता से न्यायालय में नहीं लाई जा सकती है या जहाँ ऐसी संपत्ति की अभिरक्षा के लिए उचित स्थान प्राप्त करने में कठिनाई है, या जहाँ अन्वेषण के प्रयोजन के लिए संपत्ति को पुलिस अभिरक्षा में निरंतर रखा जाना आवश्यक नहीं समझा जाता है वहाँ उस संपत्ति को किसी ऐसे व्यक्ति की अभिरक्षा में देगा जो यह वचनबंध करने हुए बंधपत्र निष्पादित करे कि वह संपत्ति को जब कभी अपेक्षा की जाए तब न्यायालय के समक्ष पेश करेगा और उसके व्ययन की बाबत न्यायालय के अतिरिक्त आदेशों का पालन करेगा :
परन्तु जहाँ उपधारा (१) के अधीन अभिगृहित की गई सम्पत्ति शिघ्रतया और प्रकृत्या क्षयक्षील हो और यदि ऐसी संपत्ति के कब्जे का हकदार व्यक्ती अज्ञात है अथवा अनुपस्थित है और ऐसी संपत्ति का मूल्य पाँच सौ रुपये से कम है, तो उसका पुलिस अधीक्षक के आदेश से तत्काल नीलामी द्वारा विक्रय किया जा सकेगा और धारा ५०३ और धारा ५०४ के उपबंध यथासाध्य निकटतम रुप में, ऐसे विक्रय के शुद्ध आगमों को लागू होंगे ।

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