भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १०३ :
बंद स्थान के भारसाधक व्यक्ति तलाशी लेने देंगे :
१) जब कभी इस अध्याय के अधीन तलाशी लिए जाने या निरीक्षण किए जाने वाला काई स्थान बंद है तब उस स्थान में निवास करने वाला या उसका भारसाधक व्यक्ति उस अधिकारी या अन्य व्यक्ति की, जो वारण्ट निष्पादन कर रहा है, मांग पर और वारण्ट के पेश किए जाने पर उसे उसमें अबाध प्रवेश करने देगा और वहाँ तलाशी लेने के लिए सब उचित सुविधाएँ देगा ।
२) यदि उस स्थान में इस प्रकार प्रवेश प्राप्त नहीं हो सकता है तो वह अधिकारी या अन्य व्यक्ति जो वारण्ट का निष्पादन कर रहा है धारा ४४ की उपधारा (२) द्वारा उपबंधित रीति से कार्यवाही कर सकेगा ।
३) जहाँ किसी ऐसे व्यक्ति के बारें में, जो ऐसे स्थान में या उसके आसपास है, उचित रुप से यह संदेह किया जाता है कि वह अपने शरीर पर कोई ऐसी वस्तु छिपाए हुए है जिसके लिए तलाशी ली जानी चाहिए तो उस व्यक्ति की तलाशी ली जा सकती है और यदि वह व्यक्ति स्त्री है, तो तलाशी शिष्टता का पूर्ण ध्यान रखते हुए अन्य स्त्री द्वारा ली जाएगी ।
४) इस अध्याय के अधीन तलाशी लेने के पूर्व ऐसा अधिकारी या अन्य व्यक्ति, जब तलाशी लेने ही वाला हो, तलाशी में हाजिर रहने और उसके साक्षी बनने के लिए उस मुहल्ले के, जिसमें तलाशी लिया जाने वाला स्थान है, दो या अधिक स्वतंत्र और प्रतिष्ठित निवासियों को या यदि उक्त मुहल्ले का ऐसा कोई निवासी नहीं मिलता है या उस तलाशी का साक्षी होने के लिए रजामन्द नहीं है तो किसी अन्य मुहल्ले के ऐसे निवासियों को बुलाएगा और उनको या उनमें से किसी को ऐसा करने के लिए लिखित आदेश जारी कर सकेगा ।
५) तलाशी उनकी उपस्थिति में ली जाएगी और ऐसी तलाशी के अनुक्रम में अभिगृहीत सब चीजों की और जिन-जिन स्थानों में वे पाई गई है उनकी सूची ऐसे अधिकारी या अन्य व्यक्ती द्वारा तैयार की जाएगी और ऐसे साक्षियों द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जाएँगे, किन्तु इस धारा के अधीन तलाशी के साक्ष बनने वाले किसी व्यक्ति से, तलाशी के साक्षी के रुप में न्यायालय में हाजिर होने की अपेक्षा उस दशा में ही की जाएगी जब वह न्यायालय द्वारा विशेष रुप से समन किया गया हो ।
६) तलाशी लिए जाने वाले स्थान के अधिभोगी को या उसकी और से किसी व्यक्ति को तलाशी के दौरान हाजिर रहने की अनुज्ञा प्रत्येक दशा में दी जाएगी और इस धारा के अधीन तैयार की गई उक्त साक्षियों द्वारा हस्ताक्षरित सूची की एक प्रतिलिपि ऐसे अधिभोगी या ऐसे व्यक्ति को परिदत्त की जाएगी ।
७) जब किसी व्यक्ति की तलाशी उपधारा (३) के अधीन ली जाती है तब कब्जे में ली गई सब चीजों की सूची तैयार की जाएगी और उसकी एक प्रतिलिपि ऐसे व्यक्ति को परिदत्त की जाएगी ।
८) कोई व्यक्ति जो इस धारा के अधीन तलाशी में हाजिर रहने और साक्षी बनने के लिए ऐसे लिखित आदेश द्वारा, जो उसे परिदत्त या निविदत्त किया गया है, बुलाए जाने पर, ऐसा करने से उचित कारन के बिना इन्कार या उसमें उपेक्षा करेगा, उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा २२२ के अधीन अपराध किया है ।