Site icon Ajinkya Innovations

Bns 2023 धारा ३४५ : संपत्ति चिन्ह :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
संपत्ति चिन्हों के विषय में :
धारा ३४५ :
संपत्ति चिन्ह :
धारा : ३४५ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : मिथ्या सम्पत्ति चिन्ह का इस आशय से उपयोग करना कि किसी व्यक्ति को प्रवंचित करे या क्षति करे ।
दण्ड : एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति, जिसे ऐसे उपयोग से हानि या क्षति कारित हुई है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
———
१) वह चिन्ह जो यह द्योतन (सूचित) करने के लिए उपयोग में लाया जाता है कि जंगम संपत्ति किसी विशिष्ट व्यक्ती की है, उस चिन्ह को संपत्ति चिन्ह कहा जाता है ।
२) जो कोई किसी जंगम संपत्ति या माल को या किसी पेटी, पैकेज या अन्य पात्र को, जिसमें जंगम संपत्ति या माल रखा है, ऐसी रिति से चिन्हित करता है या किसी पेटी, पैकेज या अन्य पात्र को, जिस पर कोई जिन्ह है, ऐसी रिति से उपयोग में लाता है, जो इसलिए युक्तियुक्त रुप से प्रकल्पित है कि उसे यह विश्वास कारित हो जाए कि इस प्रकार चिन्हित संपत्ति या माल, या इस प्रकार चिन्हित किसी ऐसे पात्र में रखी हुई कोई संपत्ति या माल, ऐसे व्यक्ती का है, जिसका वह नहीं है, वह मिथ्या संपत्ति चिन्ह का उपयोग करता है, यह कहा जाता है ।
३) जो कोई किसी मिथ्या संपत्ति चिन्ह का उपयोग करेगा, जब तक कि वह साबित न कर दे कि उसने कपट करने के आशय के बिना कार्य किया है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Exit mobile version