Site icon Ajinkya Innovations

Bns 2023 धारा १४४ : दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ती का शोषण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १४४ :
दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ती का शोषण :
धारा : १४४ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : ऐसे किसी बालक का शोषण, जिसका दुव्र्यापार किया गया है ।
दण्ड : कम से कम पाँच वर्ष का कठोर कारावास, किन्तु जो दस वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
——-
धारा : १४४ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : ऐसे किसी व्यक्ति का शोषण, जिसका दुव्र्यापार किया गया है ।
दण्ड : कम से कम तीन वर्ष का कठोर कारावास, किन्तु जो सात वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
———
१) जो कोई यह जानते हुए या इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि किसी बालक का दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे बालक को किसी भी रीति में लैंगिक शोषण के लिए रखेगा वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई यह जानते हुए या इस बात को विश्वास करने का कारण रखते हुए कि किसी व्यक्ती का दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ती को किसी भी रीति में लैंगिक शोषण के लिए रखेगा, वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा ।

Exit mobile version