भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २७८ :
औषधि का भिन्न औषधि या निर्मिती के तौर पर विक्रय :
धारा : २७८
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी ओषधि या भेषजीय निर्मिति को भिन्न ओषधि या भेषजीय निर्मिति के रुप में, जानते हुए, बेचना या ओषधालय से देना ।
दण्ड : छह मास के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी औषधि या भेषजीय (चिकित्सीय / आयुर्विज्ञान/ औषधिय) निर्मिति को, भिन्न औषधि या भेषजीय (चिकित्सीय / आयुर्विज्ञान/ औषधिय) निर्मिति की तौर पर यह जानते हुए बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करेगा या बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा या औषधीय प्रयोजनों के लिए औषधालय से देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।