भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २७५ :
अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय :
धारा : २७५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : खाद्य और पेय के रुप में किसी खाद्य और पेय को, यह जानते हुए कि वह अपायकर है, बेचना ।
दण्ड : छह मास के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी ऐसी वस्तु को, जो अपायकारक कर दी गई हो, या हो गई हो, या खाने-पीने के लिए अनुपयुक्त दशा में हो, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह खाद्य या पेय के रुप में अपायकारक है, खाद्य या पेय के रुप में बेचेगा, या बेचने की प्रस्थापना करेगा या बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।