Site icon Ajinkya Innovations

Arms act धारा २७ : १.(आयुधों को उपयोग में लाने के लिए दंड, आदि :

आयुध अधिनियम १९५९
धारा २७ :
१.(आयुधों को उपयोग में लाने के लिए दंड, आदि :
१) जो कोई धारा ५ के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद को उपयोग में लाएगा वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा, और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।
२) जो कोई धारा ७ के उल्लंघन में किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद को उपयोग में लाएगा वह कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
३) जो कोई किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद को प्रयोग में लाएगा या धारा ७ के उल्लंघन में कोई कार्य करेगा और ऐसे प्रयोग या कार्य के परिणामस्वरुप किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो वह २.(मृत्यदण्ड या आजीवन कारावास से दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।)
——-
१. १९८८ के अधिनियम सं. ४२ की धारा ६ द्वारा (२७-५-१९८८ से) धारा २७ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा १० द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (मृत्यदण्ड से दण्डनीय होगा) शब्दों के स्थान प्रतिस्थापित ।

Exit mobile version