Arms act धारा २५ : कुछ अपराधों के लिए दंड :

आयुध अधिनियम १९५९
अध्याय ५ :
अपराध और शास्तियां :
धारा २५ :
कुछ अपराधों के लिए दंड :
१.(१) जो कोई –
(a)क) धारा ५ के उल्लंघन में, किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद का २.(विनिर्माण, अभिप्राप्त, उपाप्त) विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा, या उसे विक्रय या अन्तरण के लिए अभिदर्शित या प्रस्थापित करेगा या विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए अपने कब्जे में रखेगा ; अथवा
(b)ख) धारा ६ के उल्लंघन में, किसी अग्न्यायुध की नाल को छोटी करेगा या नकली अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करेगा ३.(या आयुध नियम, २०१६ में उल्लिखित अग्न्यायुधों के किसी प्रवर्ग से अग्न्यायुधों के किसी अन्य प्रवर्ग में संपरिवर्तित); अथवा
४.(***)
(d)घ) धारा ११ के उल्लंघन में, किसी भी वर्ग या वर्णन के किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद को भारत में लाएगा या भारत के बाहर ले जाएगा,
वह कारावास से ५.(जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी), दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
(1A)६.(१क) जो कोई धारा ७ के उल्लंघन में किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद को अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा, वह कारावास से, ७.(जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो चौदह वर्ष तक की हो सकेगी), दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
३.(परंतु न्यायालय, निर्णय में लेखबद्ध किए जाने वाले किन्हीं पर्याप्त और विशेष कारणों से, सात वर्ष से कम की अवधि के कारावास का कोई दंड अधिरोपित कर सकेगा ।)
(1AB)३.(१कख) जो कोई बल का प्रयोग करके पुलिस या सशस्त्र बलों से अग्न्यायुध छीन लेता है, ऐसे कारावास से दंडनीय होगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी और जुर्माने का भी दायी होगा ।)
(1AA)(१कक) जो कोई धारा ७ के उल्लंघन में किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोलाबारुद का विनिर्माण, विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा या उन्हें विक्रय या अन्तरण के लिए अभिदर्शित या प्रस्थापित करेगा या उन्हें विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए अपने कब्जे में रखेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि ८.(दस वर्ष) से कम नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।)
(1AAA)९.(१ककक)) जो कोई किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद की धारा २४क के अधीन जारी की गई अधिसूचना के उल्लंघन में अपने कब्जे में रखेगा या धारा २४ख के अधीन जारी की गई अधिसूचना के उल्लंघन में लेकर चलेगा अथवा अन्यथा अपने कब्जे में रखेगा, वह कारावास से १०.(जिसमी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी,) दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
(1B)१ख) जो कोई –
(a)क) धारा ३ के उल्लंघन में, कोई अग्न्यायुध या गोलाबारुद अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा ; अथवा
(b)ख) धारा ४ के अधीन अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किसी स्थान में, ऐसे वर्ग या वर्णन के जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट कर दिया गया है, कोई आयुध उस धारा के उल्लंघन में अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा ; अथवा
(c)ग) किसी ऐसे अग्न्यायुध का विक्रय या अन्तरण करेगा जिस पर निर्माता का नाम, विनिर्माता संख्यांक या अन्य पहचान चिन्ह मुद्रांकित या धारा ८ की उपधारा (२) द्वारा अपेक्षित रीति से उस पर अन्यथा दर्शित न हो, या उस धारा की उपधारा (१) के उल्लंघन में कोई भी कार्य करेगा ; अथवा
(d)घ) ऐसा व्यक्ति होते हुए जिसे धारा ९ की उपधारा (१) के खण्ड (क) का उपखण्ड (दो) या उपखण्ड (तीन) लागू होता है, किसी अग्न्यायुध या गोलाबारुद को उस धारा के उल्लंघन में अर्जित करेगा, अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा ; अथवा
(e)ङ) धारा ९ की उपधारा (१) के खण्ड (ख) के उल्लंघन में, किसी अग्न्यायुध या गोलाबारुद का विक्रय या अन्तरण या संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा ; अथवा
(f)च) धारा १० के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद को भारत में लाएगा या भारत से बाहर ले जाएगा ; अथवा
(g)छ) धारा १२ के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद का परिवहन करेगा; अथवा
(h)ज) आयुधों या गोलाबारुद को धारा ३ की उपधारा (२) या धारा २१ की उपधारा (१) द्वारा अपेक्षित रुप में निक्षिप्त करने में असफल रहेगा ; अथवा
(i)झ) आयुधों या गोलाबारुद का विनिर्माता या व्यौहारी होते हुए, धारा ४४ के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा ऐसा करने की अपेक्षा की जाने पर, अभिलेख या लेखा रखने में या उसमें ऐसी सब प्रविष्टियां करने में, जैसी ऐसे नियमों द्वारा अपेक्षित है, असफल रहेगा या उसमें साशय मिथ्या प्रविष्टि करेगा या ऐसे अभिलेख या लेखे का निरीक्षर किए जाने से या उसमें से प्रविष्टियों की प्रतिलिपियां बनाई जाने से रोकेगा या उसमें बाधा पहुंचाएगा या किन्हीं ऐसे परिसरों या अन्य स्थान में, जहां अग्न्यायुध विनिर्मित किए जा रखे जाते है, या गोलाबारुद विनिर्मित किया जाता है, प्रवेश करने से रोकेगा या बाधा पहुंचाएगा या ऐसे आयुधों का गोलाबारुद को प्रदर्शित करने में साशय असफल रहेगा या उन्हें या उसे छिपाएगा या वह स्थान जहां वे विनिर्मित किए जाते है या रखे जाते है या वह विनिर्मित किया जाता है, या रखा जाता है, बताने से इन्कार करेगा,
वह कारावास से, जिसकी अविध ११.(दो वर्ष से कम नहीं होगी किन्तु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी), दण्डनीय होगा तथा जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु न्यायालय किन्हीं पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में अभिलिखित किए जाएंगे, कारावास का जिसकी अवधि १२.(दो वर्ष) से कम होगी, दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा ।)
(1C)१३.(१ग) उपधारा (१ख) में किसी बात के होते हुए भी, जो कोई किसी विक्षुब्ध क्षेत्र में उस उपधारा के अधीन दण्डनीय कोई अपराध करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम नहीं किन्तु सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, विक्षुब्ध क्षेत्र से कोई क्षेत्र अभिप्रेत है जो उपद्रव को दबाने के लिए तथा लोक व्यवस्था को बहाल करने और बनाए रखने के लिए उपबन्ध करने वाली तत्समय प्रवृत्त किसी अधिनियमिति के अधीन विक्षुब्ध क्षेत्र के रुप में घोषित किया जाता है और उसके अन्तर्गत कोई ऐसा क्षेत्र है जो धारा २४क या धारा २४ख के अधीन, अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाता है ।
२) जो कोई ऐसा व्यक्ति होते हुए, जिसे धारा ९ की उपधारा (१) के खंड (क) का उपखंड (एक) लागू होता है उस धारा के उल्लंघन मे कोई अग्न्यायुध या गोलाबारुद अर्जित करेगा या अपने कब्जे में रखेगा या वहन करेगा वह कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।
१४.(३) जो कोई किसी अग्न्यायुध, गोलाबारुद या अन्य आयुधों का, धारा ५ की उपधारा (२) के परन्तुक के खंड (क) या खंड (ख) के उपबंधों के उल्लंघन में, विक्रय या अन्तरण,-
एक) अधिकारिता रखने वाले जिला मजिस्टड्ढेट की या निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को उस अग्न्यायुध, गोलाबारुद या अन्य आयधों के आशयित विक्रय या अन्तरण की इत्तिला दिए बिना ; अथवा
दो) ऐसे जिला मजिस्टड्ढेट या पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को ऐसी इत्तिला दी जाने की तारीख से पैतालीस दिन की अवधि के अवसान के पहले,
करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा।)
४) जो कोई अनुज्ञप्ति में विनिर्दिष्ट शर्तों में फेरफार करने के प्रयोजन से धारा १७ की उपधारा (१) के अधीन अनुज्ञप्ति परिदत्त करने के लिए अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित होने पर वैसा करने में असफल रहेगा या अनुज्ञप्ति के निलम्बन या प्रतिसंहरण पर उस धारा की उपधारा (१०) के अधीन समुचित प्राधिकारी को अनुज्ञप्ति अभ्यर्पित करने में असफल रहेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जिसकी रकम पांच सौ रुपए तक हो सकेगी, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।
५) जो कोई अपना नाम और पता देने के लिए धारा १९ के अधीन अपेक्षित होने पर, ऐसा नाम और पता देने से इन्कार करेगा या ऐसा नाम या पता देगा जो तत्पश्चात् मिथ्या निकले, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जिसकी रकम दो सौ रुपए तक हो सकेगी, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।
१५.(६) यदि किसी संगठित अपराध संघ का कोई सदस्य या उसकी ओर से कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अध्याय २ के किसी उपबंध के उल्लंघन में कोई आयुध या गोला-बारुद अपने कब्जे में रखता है या लेकर चलता है, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
७) जो कोई, किसी संगठित अपराध संघ के किसी सदस्य की ओर से या कोई व्यक्ति उसकी ओर से,-
एक) धारा ५ के उल्लंघन में किसी आयुध या गोला-बारुद का विनिर्माण करता है, उसे अभिप्राप्त करता है, उपाप्त करता है, उसका विक्रय करता, अंतरण करता है, उसको संपविर्तित करता है, उसकी मरम्मत करता है, उसकी परख करता है या उसे परिसिद्ध करता है या अभिदर्शित करता है या विक्रय या अंतरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए प्रस्थापित करता है ; या
दो) धारा ६ के उल्लंघन में किसी अग्नायुध किसी अग्न्यायुध की बैरल को छोटा करता है या किसी नकली अग्न्यायुध को अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करता है या आयुध नियम २०१६ में उल्लखित किसी प्रवर्ग के अग्न्यायुध को किसी अन्य प्रवर्ग के अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करता है ; या
तीन) धारा ११ के उल्लंघन में किसी वर्ग या भांति के किसी भी आयुध या गोला-बारुद को भारत में लाता है या भारत से बाहर ले जाता है,
तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
स्पष्टीकरण :
उपधारा (६) और उपधारा (७) के प्रयोजनों के लिए, –
(a)क) संगठित अपराध से किसी व्यक्ति द्वारा अकेले या सामूहिक रुप से, किसी संगठित अपराध संघ के सदस्य के रुप में या ऐसे संघ की ओर से हिंसा या हिंसा की धमकी या अभित्रास या प्रपीडन या अन्य विधि-विरुद्ध साधनों का प्रयोग करने, धनीय फायदे प्राप्त करने या स्वयं के लिए या किसी व्यक्ति के लिए असम्यक् आर्थिक या अन्य लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से, कोइ भी निरंतर विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप अभिप्रेत है;
(b)ख) संगठित अपराध संघ से दो या अधिक व्यक्तियों का ऐसा समूह अभिप्रेत है, जो किसी संघ या गैंग के रुप में अकेले या सामूहिक रुप से किसी संगठित अपराध के क्रियाकलापों में लिप्त होते हैं ।
८) जो कोई धारा (३), धारा (५), धारा (६), धारा (७) और धारा (११) के उल्लंघन में अग्न्यायुध और गोला-बारुद के अवैध व्यापार में सम्मिलित है या उसमें सहायता करता है, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, अवैध व्यापार से भारत के राज्यक्षेत्र में, उससे या उसके भीतर अग्न्यायुध या गोला-बारुद का आयात, निर्यात, अर्जन, विक्रय, परिदान, संचलन या अंतरण अभिप्रेत है, यदि अग्न्यायुध या गोला-बारुद इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार चिन्हित नहीं है या जिनका इस अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन में दुव्र्यापार किया गया है, जिसके अंतर्गत तस्करी किए गए, विदेश में बने अग्न्यायुध या प्रतिषिद्ध आयुध और प्रतिषिद्ध गोला-बारुद भी हैं ।
९) जो कोई उतावलेपन या उपेक्षा से कोई अनुष्ठानिक गोलाबारी का उपयोग करेगा, जिससे मानव जीवन या किन्हीं अन्य की वैयक्तिक सुरक्षा संकटापन्न हो जाए, वह कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए अनुष्ठानिक गोलाबारी से जन सभाओं, धार्मिक स्थानों, विवाह समारोहों या अन्य उत्सवों में गोलाबारी करने के लिए अग्न्यायुध का प्रयोग करना अभिप्रेत है ।)
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१. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा ८ द्वारा (२२-६-१९८३ से) उपधारा (१) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (विनिर्माण) शब्दों के स्थान प्रतिस्थापित ।
३. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) अंत:स्थापित ।
४. १९८८ के अधिनियम सं. ४२ की धारा ५ द्वारा (२७-५-१९८८ से) खंड (ग) का लोप किया गया ।
५. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी) शब्दों के स्थान प्रतिस्थापित ।
६. १९८८ के अधिनियम सं. ४२ की धारा ५ द्वारा (२७-५-१९८८ से) अंत:स्थापित ।
७. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो दस वर्ष तक की हो सकेगी) शब्दों के स्थान प्रतिस्थापित ।
८. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (सात वर्ष ) शब्दों के स्थान प्रतिस्थापित ।
९. १९८८ के अधिनियम सं. ४२ की धारा ५ द्वारा (२७-५-१९८८ से) उपधारा (१क) को (१ककक) नंबर दिया ।
१०. १९८५ के अधिनियम सं. ३९ की धारा २ द्वारा (२८-५-१९८५ से) एक साल किंतु पांच साल तक शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
११. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (जिसकी अवधि एक वर्ष से कम होगी किन्तु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी) शब्दों के स्थान प्रतिस्थापित ।
१२. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) एक वर्षे के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
१३. १९८५ के अधिनियम सं. ३९ धारा २ द्वारा अन्त:स्थापित ।
१४. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा ८ द्वारा (२२-६-१९८३ से) उपधारा (३) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
१५. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ९ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) उपधारा (५) के बाद अंत:स्थापित ।

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