आयुध अधिनियम १९५९
धारा १० :
आयुधों आदि के आयात और निर्यात के लिए अनुज्ञप्ति :
१) कोई भी व्यक्ति किन्हीं भी आयुधों या गोलाबारुद को समुद्र, भूमि या वायु मार्ग द्वारा तब तक न तो भारत में लाएगा न वहां से बाहर ले जाएगा जब तक कि वह इस अधिनियम और तद्धीन बनाए गए नियमों के उपबन्धों के अनुसार दी गई अनुज्ञप्ति तन्निमित्त नहीं रखता हो :
परन्तु-
(a)क) वह व्यक्ति, जो कोई आयुध या गोलाबारुद अपने कब्जे में रखने के लिए इस अधिनियम या किसी अन्य तत्समय प्रवृत्त विधि के आधार पर हकदार है या इस अधिनियम या ऐसी अन्य विधि द्वारा प्रतिषिद्ध नहीं है, वह अपने प्राइवेट उपयोग के लिए युक्तियुक्त मात्रा में ऐसे आयुध या गोलाबारुद इस निमित्त अनुज्ञप्ति के बिना भारत में ला सकेगा या वहां से बाहर ले जा सकेगा;
(b)ख) वह व्यक्ति जो वास्तविक पर्यटक है और किसी ऐसे देश का जिसे केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे और जो आयुध या गोलाबारुद अपने कब्जे में रखने के लिए उस देश की विधियों द्वारा प्रतिषिद्ध नहीं है, वह केवल आखेट के प्रयोजनों के लिए न कि किसी अन्य प्रयोजन के लिए अपने उपयोग के वास्ते युक्तियुक्त मात्रा में आयुध और गोलाबारुद इस धारा के अधीन वाली अनुज्ञप्ति के बिना किन्तु ऐसी शर्तों के अनुसार, जैसी विहित की जाएं, अपने साथ भारत में ला सकेगा ।
स्पष्टीकरण :
इस परन्तुक के खण्ड खण्ड (ख) के प्रयोजनों के लिए पर्यटक शब्द से वह व्यक्ति अभिप्रेत है, जो भारत का नागरिक न होते हुए, आमोद-प्रमोद, दृश्य-दर्शन या केन्द्रीय सरकार द्वारा बुलाए गए अधिवेशनों में या अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलनों, संगमों या अन्य निकायों में प्रतिनिधि कि हैसियत में भाग लेने से भिन्न उद्देश्य न रखते हुए छह मास से अनधिक कालावधि के लिए भारत आता है ।
२) उपधारा (१) के परन्तुक में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी यह है कि जहां कि उस परन्तुक के खण्ड (क) या खण्ड (ख) के किसी ऐसे व्यक्ति को लागू होने के बारे में जो यह दावा करता है कि ऐसा खण्ड, उसे लागू है, या ऐसे खण्ड में निर्दिष्ट व्यक्ति के कब्जे में के आयुध या गोलाबारुद की मात्राओं की युक्तियुक्तता के बारे में या ऐसे आयुध या गोलाबारुद ऐसे व्यक्ति द्वारा जिस उपयोग में लाए जा सकेंगे उसके बारे में कोई शंका, १.(सीमाशुल्क आयुक्त) या केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त सशक्त किसी अन्य आफिसर को हो, वहां ऐसे व्यक्ति के कब्जे में के आयुध या गोलाबारुद को तब तक के लिए निरुद्ध कर सकेगा जब तक कि वह उनके संबंध में केन्द्रीय सरकार के आदेश प्राप्त नहीं कर लेता ।
३) समुद्र या वायु मार्ग द्वारा या भारत का भाग न होने वाले किसी मध्यवर्ती राज्यक्षेत्र को पार करके भारत के एक भाग से दूसरे को ले जाए गए आयुध और गोलाबारुद, इस धारा के अर्थ के अन्दर भारत के बाहर ले जाए जाते हैं या भारत में लाए जाते है ।
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१. १९९५ के अधिनियम २२ की धारा ८९ द्वांरा सीमाशुल्क कलक्टर के स्थान पर प्रतिस्थापित ।