Site icon Ajinkya Innovations

विदेशियों विषयक अधिनियम धारा ८ : राष्ट्रिकता का अवधारण :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६
धारा ८ :
राष्ट्रिकता का अवधारण :
१) जहां कोई विदेशी एक से अधिक विदेशों की विधि द्वारा राष्ट्रिक के रुप में मान्यता प्राप्त है या जहां किसी कारण से यह अनिश्चित है कि किसी विदेशी को किस देश की राष्ट्रिकता, यदि कोई है, दी जानी हे तो उस विदेशी को उस देश का राष्ट्रिक माना जाएगा जिस देश के साथ वह विहित प्राधिकारी को तत्समय उसके हित में या सहानुभूति में अधिक निकटतम रुप से संबद्ध प्रतीत होता है और यदि उसकी राष्ट्रिकता अनिश्चित है तो उस देश का जिसके साथ वह सबसे बाद में ऐसे सम्बन्धित था :
परन्तु जहां विदेशी ने जन्म से राष्ट्रिकता अर्जित की है वहां उस दशा के सिवाय जहां केन्द्रीय सरकार या तो साधारणत: या किसी विशिष्ट मामले में ऐसा निदेश देती है यह समझा जाएगा कि उसने वह राष्ट्रिकता रखी है जब तक कि वह उक्त प्राधिकारी के समाधानपर्यन्त यह साबित नहीं कर देता है कि उसने तत्पश्चात् देशीयकरण से या अन्यथा कोई अन्य राष्ट्रिकता अर्जित कर ली है और अभी भी उस देश की जिसकी राष्ट्रिकता उसने इस प्रकार अर्जित की है सरकार द्वारा संरक्षण के हकदार के रुप में मान्यताप्राप्त है ।
२) राष्ट्रिकता के बारे में उपधारा (१) के अधीन किया गया विनिश्चय अन्तिम होगा और किसी न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जाएगा :
परन्तु केन्द्रीय सरकार, या तो स्वप्रेरणा से या किसी संयुक्त विदेशी द्वारा आवेदन पर ऐसे विनिश्चय का पुनरीक्षण कर सकेगी।

Exit mobile version